मुस्कुराहट एक ऐसा फन जिसे पाने के लिए कुछ चुकाना नहीं पड़ता। एक चेहरे से यह दूसरे चहरे तक पहुंच जाती है। जी हां, मुस्कुराहट का स्वास्थ्य को बढ़ाने में बेहद महत्वपूर्ण योगदान है। मुस्कुराहट से हमारा स्वास्थ्य अच्छा रहता है।
धड़कन करती है नियंत्रित
जब हम मुस्कुराते हैं तो इससे हमारा ब्लड प्रेशर नियंत्रित रहता है। मुस्कुराहट से दिल की धड़कन नियंत्रित रहती है।
तनाव दूर होता है
मुस्कुराने से एंडोर्फिन हार्मोन रिलीज़ करता है ऐसे में तनाव से निजात मिलती है। वर्तमान में लोग तनाव में अधिक रहते हैं, मगर मुस्कुराने से तनाव दूर हो जाता है।
क्षमता बढ़ती है
मुस्कुराने से हमारी क्षमताऐं बढ़ती हैं दरअसल मुस्कान अंदर से आती है। यह एक नैसर्गिक कार्य है। जिसके चलते हम अंदर से बेहद खुश होते हैं। जिससे अंदर से ही खुशी महसूस करते हैं। और हमारी क्षमताऐं बढ़ती हैं।
भरोसा जताती है
मुस्कुराहट से हम एक दूसरे में भरोसा जताना जान पाते हैं। यह एक नैसर्गिक कार्य होता है। इसलिए हमारे रिश्ते आगे बढ़ते हैं।
उड़ती आती है
दरअसल मुस्कान एक चेहरे से दूसरे चेहरे पर स्वतः पहुंच जाती है। ऐसे में यह सारे वातावरण को खुशनुमा बनाती है।
दर्द को घटाती है
कई बार विकट परिस्थितियों में मुस्कान आने से हम कुछ देर के लिए उस विषम परिस्थिति के बारे में नहीं सोचते हैं ऐसे में हमारा मन शांत होने की संभावना रहता है यह कई ऐसे हार्मोंन्स को संचारित करती है जो दुख को कम करते हैं।
अन्य लाभ
कोई चिंता, फिक्र या परेशानी हो तो सब कुछ भुलाकर एक पल आइने के सामने खड़े होकर मुस्कुराइए, तनाव तो कम होगा ही चेहरे की रौनक भी बढ़ जाएगी. चेहरे पर आई हल्की सी मुस्कुराहट में गजब की ताकत होती है और यह बहुत दूर तक असर करती है.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, मुस्कुराहट सिर्फ दिल को सुकून ही नहीं देती, इसका सेहत से भी सीधा संबंध है.
मात्र दो इंच की मुस्कुराहट से चेहरे की दर्जनों नसों का व्यायाम हो जाता है. लगातार मुस्कुराते रहिए, इससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़तीं और हमेशा रौनक बनी रहती है.
मुख्य शोध कर्ता जॉन डाल्टन का यह शोध कहता है कि मुस्कुराने से चेहरे से लेकर गर्दन तक की मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है. मुस्कुराते वक्त चेहरे की सभी मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे जल्दी झुर्रियां नहीं पड़तीं.
एक अन्य शोध के मुताबिक मुस्कुराकर कही गई बात सामने वाले पर अच्छा प्रभाव डालती है. मुस्कुराकर कहा गया काम हो या फरमाइश, उसके पूरा होने की संभावना 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
बोस्टन यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर डी. क्लचर ने इस शोध के लिए 10,000 लोगों को सैंपल सर्वे के जरिए चुना. उनमें से 85 प्रतिशत का मानना है कि उनके जीवन में कई ऐसे मौके आए जब मुस्कुराकर बात करने से उनका बिगड़ता हुआ काम भी बन गया.
बाकी 15 प्रतिशत का मानना है कि मुस्कुराहट बहुत ज्यादा काम नहीं आती.
शोध में शामिल लोगों से जब पूछा गया कि अगर कोई उनसे मुस्कुराते हुए किसी काम के लिए कहे तो आपकी प्रतिक्रि या क्या होती है? इसके जवाब में 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह अपने काम नहीं करने के निर्णय पर दोबारा विचार करते हैं तथा 65 प्रतिशत लोगों ने माना कि वह उस काम को कर देते हैं.
इस शोध की मानें तो इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी को मुस्कुराकर कोई काम करने के लिए कहा जाए तो उसके होने की संभावना 65 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
मुस्कुराहट के सिर्फ यही फायदे नहीं हैं. मुस्कान के बारे में मनोविश्लेषक वंदना प्रकाश कहती हैं, अगर आप किसी से पहली बार मिल रहे हैं तो मुस्कुराहट के साथ की गयी बातचीत की शुरूआत माहौल को हल्का बनाती है और आपस में खुल कर बातचीत करने का मौका देती है.
वह कहती हैं, मुस्कुराहट सिर्फ निजी जीवन में ही बल्कि आपके दफ्तर में भी बहुत काम आती है. जब आप सुबह मुस्कुराते हुए अपने काम की शुरूआत करते हैं तो काम में आपका मन लगता है और वह जल्दी खत्म भी हो जाता है.
साथ ही कार्यालय के साथियों पर भी आपकी मुस्कुराहट का अच्छा प्रभाव पड़ता है.
वैसे हर वक्त मुस्कुराना भी ठीक नहीं है. किसी के गम में शरीक होने जाएं या आफिस में कोई काम बिगड़ जाने पर बॉस की डांट खा रहे हों तो मुस्कुराने से परहेज ही करें, वर्ना लेने के देने भी पड़ सकते हैं.
कैलिफोर्निया यूनिवर्सिटी के एक शोध के अनुसार, मुस्कुराहट सिर्फ दिल को सुकून ही नहीं देती, इसका सेहत से भी सीधा संबंध है.
मात्र दो इंच की मुस्कुराहट से चेहरे की दर्जनों नसों का व्यायाम हो जाता है. लगातार मुस्कुराते रहिए, इससे चेहरे पर झुर्रियां नहीं पड़तीं और हमेशा रौनक बनी रहती है.
मुख्य शोध कर्ता जॉन डाल्टन का यह शोध कहता है कि मुस्कुराने से चेहरे से लेकर गर्दन तक की मांसपेशियों का व्यायाम हो जाता है. मुस्कुराते वक्त चेहरे की सभी मांसपेशियों में खिंचाव आता है, जिससे जल्दी झुर्रियां नहीं पड़तीं.
एक अन्य शोध के मुताबिक मुस्कुराकर कही गई बात सामने वाले पर अच्छा प्रभाव डालती है. मुस्कुराकर कहा गया काम हो या फरमाइश, उसके पूरा होने की संभावना 50 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
बोस्टन यूनिवर्सिटी के सामाजिक विज्ञान के प्रोफेसर डी. क्लचर ने इस शोध के लिए 10,000 लोगों को सैंपल सर्वे के जरिए चुना. उनमें से 85 प्रतिशत का मानना है कि उनके जीवन में कई ऐसे मौके आए जब मुस्कुराकर बात करने से उनका बिगड़ता हुआ काम भी बन गया.
बाकी 15 प्रतिशत का मानना है कि मुस्कुराहट बहुत ज्यादा काम नहीं आती.
शोध में शामिल लोगों से जब पूछा गया कि अगर कोई उनसे मुस्कुराते हुए किसी काम के लिए कहे तो आपकी प्रतिक्रि या क्या होती है? इसके जवाब में 75 प्रतिशत लोगों ने कहा कि वह अपने काम नहीं करने के निर्णय पर दोबारा विचार करते हैं तथा 65 प्रतिशत लोगों ने माना कि वह उस काम को कर देते हैं.
इस शोध की मानें तो इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी को मुस्कुराकर कोई काम करने के लिए कहा जाए तो उसके होने की संभावना 65 प्रतिशत तक बढ़ जाती है.
मुस्कुराहट के सिर्फ यही फायदे नहीं हैं. मुस्कान के बारे में मनोविश्लेषक वंदना प्रकाश कहती हैं, अगर आप किसी से पहली बार मिल रहे हैं तो मुस्कुराहट के साथ की गयी बातचीत की शुरूआत माहौल को हल्का बनाती है और आपस में खुल कर बातचीत करने का मौका देती है.
वह कहती हैं, मुस्कुराहट सिर्फ निजी जीवन में ही बल्कि आपके दफ्तर में भी बहुत काम आती है. जब आप सुबह मुस्कुराते हुए अपने काम की शुरूआत करते हैं तो काम में आपका मन लगता है और वह जल्दी खत्म भी हो जाता है.
साथ ही कार्यालय के साथियों पर भी आपकी मुस्कुराहट का अच्छा प्रभाव पड़ता है.
वैसे हर वक्त मुस्कुराना भी ठीक नहीं है. किसी के गम में शरीक होने जाएं या आफिस में कोई काम बिगड़ जाने पर बॉस की डांट खा रहे हों तो मुस्कुराने से परहेज ही करें, वर्ना लेने के देने भी पड़ सकते हैं.