
Pitru Paksha me kya na khaye
पितृ पक्ष (श्राद्ध पक्ष) पूर्वजों को तृप्त करने और उनका आशीर्वाद पाने का समय माना जाता है। इस दौरान क्या खाना चाहिए और क्या नहीं, इसे लेकर लोगों के मन में कई सवाल रहते हैं। सबसे बड़ा सवाल है – क्या पितृ पक्ष में लहसुन और प्याज खाना पाप माना जाता है?
इस पर संत-महात्माओं के अलग-अलग विचार हैं। आइए जानते हैं प्रेमानंद महाराज का इस पर क्या कहना है।
🌿 पितृ पक्ष में भोजन का महत्व
हिंदू शास्त्रों के अनुसार श्राद्ध काल में सात्त्विक भोजन का विशेष महत्व है।
- भोजन ऐसा होना चाहिए जो शुद्ध, हल्का और पचने में आसान हो।
- माना जाता है कि सात्त्विक भोजन से ही पितरों को तृप्ति और आत्मा को शांति मिलती है।
❌ लहसुन और प्याज क्यों मना है?
- आयुर्वेद में लहसुन और प्याज को तामसिक और राजसिक माना गया है।
- यह शरीर में उत्तेजना और आलस्य दोनों बढ़ाता है।
- पितृ पक्ष जैसे पावन काल में तामसिक भोजन वर्जित माना गया है क्योंकि यह मन को अशांत करता है।
🙏 प्रेमानंद महाराज का जवाब
प्रेमानंद महाराज का कहना है कि –
👉 “पितृ पक्ष में लहसुन-प्याज खाना उचित नहीं है, क्योंकि श्राद्ध काल में किया गया हर कर्म हमारे पूर्वजों तक पहुँचता है। सात्त्विक आहार से ही पितर प्रसन्न होते हैं और तामसिक भोजन से वे असंतुष्ट हो सकते हैं।”
उन्होंने यह भी समझाया कि यह पाप इसलिए माना जाता है क्योंकि इस दौरान हम अपने पूर्वजों को केवल शुद्धता और भक्ति भाव से याद करते हैं।
🌟 पितृ कृपा पाने के लिए क्या खाएँ?
- खिचड़ी, मूंग दाल, चावल, रोटी
- मौसमी फल और दूध से बनी चीजें
- तिल, आटा और घी का प्रयोग
- ब्राह्मण और जरूरतमंदों को यही सात्त्विक भोजन कराएँ
पितृ पक्ष में लहसुन और प्याज का सेवन करना तामसिक प्रवृत्ति का हिस्सा माना जाता है और शास्त्रों में इसे वर्जित बताया गया है। प्रेमानंद महाराज भी इसे न खाने की सलाह देते हैं।
यदि आप चाहते हैं कि पितरों की कृपा बनी रहे और घर में सुख-शांति का वास हो, तो इस अवधि में सात्त्विक भोजन करें और पवित्र भाव से पितरों का स्मरण करें।