
vipatti me kya kare
जीवन हमेशा आसान नहीं होता। कभी खुशी मिलती है, तो कभी गहरा दुख।
कभी-कभी परिस्थितियाँ इतनी कठिन हो जाती हैं कि इंसान टूट जाता है और रास्ता नहीं देख पाता।
लेकिन याद रखिए – हर अंधकार के बाद उजाला जरूर आता है।
तो आइए जानते हैं कि जब जीवन में बहुत दुख और विपत्ति आए तो हमें क्या करना चाहिए।
🙏 1. ईश्वर और गुरु का स्मरण करें
- कठिन समय में सबसे बड़ा सहारा भक्ति और प्रार्थना होती है।
- रोज़ कुछ समय भगवान का नाम जपें, भजन सुनें या ध्यान करें।
- इससे मन को शांति और धैर्य मिलता है।
🌈 2. परिस्थिति को स्वीकारें
- जो हो रहा है, उसे स्वीकार करना सीखें।
- भाग्य को कोसने से मन और अधिक दुखी होता है।
- स्वीकार करने से समस्या हल करने की शक्ति बढ़ती है।
💡 3. सकारात्मक लोगों का साथ लें
- नकारात्मक संगति से मन और टूटता है।
- परिवार, मित्र या गुरु जैसे लोगों से बातें करें।
- उनकी ऊर्जा और शब्द आपको नया हौसला देंगे।
🧘 4. ध्यान और श्वास अभ्यास करें
- ध्यान और गहरी सांस लेने की क्रियाएँ तनाव कम करती हैं।
- मन शांत होता है और सोचने-समझने की शक्ति लौटती है।
💪 5. धैर्य रखें और छोटे कदम उठाएँ
- बड़ी समस्या को एकदम हल करने के बजाय छोटे कदम उठाएँ।
- हर दिन थोड़ा-थोड़ा प्रयास आपको धीरे-धीरे विपत्ति से बाहर निकाल देगा।
📖 6. संतों और महापुरुषों की शिक्षाएँ पढ़ें
- गीता, रामचरितमानस, विवेकानंद या प्रेमाानंद महाराज जैसे संतों के उपदेश पढ़ें।
- उनकी वाणी मन में शक्ति और आशा जगाती है।
🚫 7. हार मानने का विचार न करें
- मुश्किलें अस्थायी होती हैं, लेकिन अगर हम हार मान लें तो जीवन अधूरा हो जाता है।
- हमेशा याद रखें – “यह समय भी गुजर जाएगा।”
👉 जब जीवन में दुख और विपत्ति आती है तो यह हमें तोड़ने नहीं, बल्कि और मजबूत बनाने आती है।
👉 ईश्वर पर भरोसा रखें, धैर्य बनाएँ और सकारात्मक कदम उठाएँ।
👉 याद रखिए – सूरज सबसे ज्यादा अंधेरे के बाद ही उगता है।