“सच” बेशक छोटा सा सिर्फ 2 अक्षर का एक शब्द है, परन्तु देखा जाए तो इस दो अक्षर में पूरी दुनिया की अच्छाई बसी हुई है | आज आपको मानव जीवन में सच बोलने के फायदे के बारें में बताते हैं | सच बोलना और सच का साथ देना ये दोनों आदतें बहुत अच्छी है , और इतना ही नहीं ये आदतें हमें जीना भी सीखती हैं | झूठ बोलना आज के समय में एक ऐसा चलन हो गया है कि जिसके चलते सच का वजूद ख़त्म सा होता जा रहा है | लोग इतना झूठ बोलने लगे हैं जिसका कोई हिसाब नहीं |
झूठ बोलना किसी बीमारी से कम नहीं है, और झूठ बोलना एक ऐसी बीमारी है जो कभी खत्म नहीं होती क्योकिं जब इंसान को झूठ बोलने की बीमारी लग जाती है तो वो सच कह नहीं पाता उसके मुँह से 75 प्रतिशत झूठ ही निकलता है | जिसके कारण उसकी ज़िंदगी भी झूठ बनकर रह जाती है |
इन सब बातों से बहुत ऊपर होता है ये 2 अक्षर वाला सच , जो 100 झूठ पर कभी न कभी भारी जरूर पड़ता है | आइये आज आपको सच बोलने के फायदे बताते हैं |
– स्वाभाव में फर्क :-
जो लोग झूठ बोलते हैं, उनका स्वाभाव बहुत ही जटिल और कठिन होता है | उनका स्वाभाव ऐसा होता है कि उन पर न तो भरोसा किया जा सकता है और न ही उन्हें कुछ समझाया जा सकता है | वहीं दूसरी तरफ सच बोलने वाले का व्यवहार बहुत सरल होता है और ऐसे लोग भरोसे के लायक होते हैं | जिनके स्वाभाव में सरलता होती है ऐसे लोगों के अंदर किसी प्रकार का छल नहीं होता | वो जैसे अंदर होते हैं वैसे ही बाहर होते हैं |
– उम्र में अंतर :-
सच बोलने वालों की उम्र लंबी होती है, क्योकि झूठ बोलने वाला इंसान झूठ और उससे होने वाले तनाव में फसा रहता है और जिसके कारण उसकी उम्र कम होती जाती है , वहीं दूसरी ओर सच कहने वाले की उम्र लंबी होती है |
– जीवन का सुख :-
जो लोग हमेशा सच कहते हैं उनके जीवन में हमेशा सुख समृद्धि बनी रहती है | जो लोग हमेशा सच कहते हैं उनके जीवन में झूठ के लिए कोई जगह नहीं होती जिसके कारण उनके जीवन में तनाव और जलन की भावना नहीं होती और यही चीज़ें उन्हें हमेशा स्वस्थ बनाकर रखती है |
– मन की शांति :-
जो मनुष्य हमेशा सच कहता है उनका मन हमेशा शांत बना हुआ रहता है | जो लोग झूठ बोलते हैं उन्हें हमेशा यही डर बना रहता है कि कहीं उनका झूठ किसी के सामने न आ जाए वो इसी डर में डरते रहते हैं और सच बोलने वाले को कभी किसी बात का कोई डर नहीं होता और वो अपना हर काम अपने हिसाब से करते हैं |
