
Pitru Paksha me kya na kare
श्राद्ध पक्ष (पितृ पक्ष) पूर्वजों को स्मरण करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का सबसे शुभ समय माना जाता है। इस दौरान किए गए सही कर्म पितरों को तृप्त करते हैं, लेकिन कुछ गलतियाँ अनजाने में बहुत बड़ा नुकसान भी कर सकती हैं। शास्त्रों में साफ कहा गया है कि श्राद्ध काल में अगर कुछ कार्य कर दिए जाएँ, तो पितर नाराज़ हो सकते हैं और इसके कारण जीवन में परेशानियाँ, धन हानि और पारिवारिक क्लेश बढ़ सकता है।
तो आइए जानते हैं वो काम जो श्राद्ध पक्ष में भूलकर भी नहीं करने चाहिए।
🚫 श्राद्ध पक्ष में भूलकर भी न करें ये काम
1. ❌ मांसाहार और शराब का सेवन
श्राद्ध के दौरान मांस-मदिरा का सेवन वर्जित है। इसे करने से पितर अप्रसन्न हो जाते हैं और घर में नकारात्मक ऊर्जा का वास होने लगता है।
2. ❌ अनादर और अपमान
श्राद्ध काल में बुज़ुर्गों, ब्राह्मणों और ज़रूरतमंदों का अपमान करने से पितरों की कृपा हट जाती है। इसके कारण वंश में अशांति और संतान सुख की कमी हो सकती है।
3. ❌ भोजन का अपव्यय
श्राद्ध में भोजन को व्यर्थ फेंकना अथवा अनाज का अपमान करना पाप माना गया है। भोजन को आदरपूर्वक बनाकर पहले पितरों और ब्राह्मणों को अर्पित करें।
4. ❌ क्रोध और झगड़ा
श्राद्ध पक्ष में क्रोध, कटु वचन और झगड़े से बचना चाहिए। ऐसा करने से पितरों की आत्मा दुखी होती है और घर में क्लेश उत्पन्न होता है।
5. ❌ पितरों का स्मरण न करना
यदि श्राद्ध पक्ष में पितरों का स्मरण और तर्पण न किया जाए, तो माना जाता है कि पितर असंतुष्ट होकर वंशजों के जीवन में रुकावटें पैदा कर सकते हैं।
6. ❌ तिल, जल और दान की अनदेखी
श्राद्ध पक्ष में तिल, जल और दान का विशेष महत्व है। इनका त्याग करने से पितरों की आत्मा को शांति नहीं मिलती और घर पर पितृ दोष का प्रभाव बढ़ जाता है।
श्राद्ध पक्ष वह समय है जब पूर्वज अपने वंशजों के आह्वान पर पृथ्वी लोक पर आते हैं। यदि इस समय श्रद्धा और नियमों के अनुसार कर्म किए जाएँ तो पितर प्रसन्न होकर जीवन में सुख, संतान और संपत्ति का आशीर्वाद देते हैं। लेकिन यदि उपरोक्त भूलें हो जाएँ, तो इसका विपरीत असर पड़ सकता है।
इसलिए श्राद्ध पक्ष में संयम और श्रद्धा के साथ पितरों का पूजन और सेवा करें।