
Vastu tips for Pitru photo
पितृ पक्ष हो या रोज़मर्रा का जीवन, घर में पितरों की तस्वीर लगाना श्रद्धा और सम्मान का प्रतीक माना जाता है। लेकिन वास्तु शास्त्र में इसके लिए कुछ खास नियम बताए गए हैं। अगर इन नियमों का पालन न किया जाए तो घर में नकारात्मक ऊर्जा और अशांति भी आ सकती है। आइए जानते हैं – वास्तु के अनुसार पितरों की तस्वीर कहाँ लगानी चाहिए और किन बातों का ध्यान रखना ज़रूरी है।
🌿 पितरों की तस्वीर लगाने का सही स्थान
- दक्षिण दिशा सबसे शुभ मानी जाती है
- वास्तु शास्त्र के अनुसार दक्षिण दिशा यम की दिशा कही जाती है।
- पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा की दीवार पर ही लगानी चाहिए।
- बैठक कक्ष या पूजा स्थान के बाहर
- पितरों की तस्वीर मंदिर या पूजा घर में न लगाएँ।
- इसे पूजा स्थल के बाहर या बैठक कक्ष की दक्षिण दीवार पर लगाना शुभ रहता है।
- सिरहाने की दीवार पर न लगाएँ
- सोते समय पितरों की तस्वीर सिरहाने की तरफ न हो।
- इससे मानसिक बेचैनी और नींद की समस्या आ सकती है।
🚫 कहाँ न लगाएँ पितरों की तस्वीर
- रसोई घर में
- बाथरूम या शौचालय के पास
- सीढ़ियों के नीचे
- घर के मुख्य दरवाज़े के ठीक सामने
🙏 पितरों की तस्वीर से जुड़ी सावधानियाँ
- तस्वीर हमेशा साफ-सुथरी और व्यवस्थित होनी चाहिए।
- टूटी-फूटी या धुंधली तस्वीरें न रखें।
- तस्वीर के सामने रोज़ दीपक या धूप जलाना शुभ होता है।
- अमावस्या और पितृ पक्ष में तस्वीर के सामने तिल जल चढ़ाएँ।
वास्तु शास्त्र के अनुसार पितरों की तस्वीर दक्षिण दिशा की दीवार पर, पूजा स्थल के बाहर लगाना सबसे शुभ माना गया है। ऐसा करने से घर में सकारात्मक ऊर्जा आती है, पितरों की कृपा बनी रहती है और परिवार सुख-शांति व समृद्धि का अनुभव करता है।