Warren Buffett’s Lesson on Debt Trap
Warren Buffett’s Lesson on Debt & EMI Tra
“अगर आपकी ज़िंदगी सिर्फ़ EMI चुकाने में निकल रही है तो वॉरेन बफे की ये वित्तीय सीख समय रहते समझ लीजिए। वरना बाद में सिर्फ़ ‘काश’ कहने का पछतावा बचेगा।”
आज के समय में लगभग हर दूसरा व्यक्ति EMI के बोझ तले दबा हुआ है। कार, घर, मोबाइल या फिर लाइफस्टाइल—हर ज़रूरत के लिए कर्ज़ लेना आसान हो गया है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि लगातार EMI पर जीना आपकी वित्तीय स्वतंत्रता को खत्म कर देता है? निवेश के बादशाह और दुनिया के सबसे अमीर निवेशकों में से एक वॉरेन बफे (Warren Buffett) ने इस बारे में एक महत्वपूर्ण सीख दी है, जो हर किसी को समय रहते समझनी चाहिए।
1. वॉरेन बफे की सीख: कर्ज़ से बचें
वॉरेन बफे का मानना है:
“अगर आप कर्ज़ में जी रहे हैं, तो आप कभी अमीर नहीं बन सकते।”
उनके अनुसार, ब्याज दर और कर्ज़ का जाल इंसान को धीरे-धीरे वित्तीय गुलाम बना देता है।
2. EMI क्यों खतरनाक है?
- EMI आपकी मासिक आमदनी का बड़ा हिस्सा खा जाती है।
- बचत और निवेश के लिए पैसा नहीं बचता।
- आर्थिक संकट आने पर आपकी स्थिति और बिगड़ जाती है।
- लंबे समय तक तनाव और मानसिक दबाव बढ़ता है।
3. वॉरेन बफे का सुझाव: खर्चों पर नियंत्रण
- चाहत और ज़रूरत में फर्क करें।
- हर खरीदारी से पहले सोचें कि क्या वास्तव में इसकी ज़रूरत है।
- क्रेडिट कार्ड से बचें और कैश/डेबिट कार्ड का इस्तेमाल करें।
- फालतू दिखावे के खर्च को बंद करें।
4. EMI जाल से निकलने के उपाय
- सबसे पहले हाई-इंटरेस्ट वाले कर्ज़ (जैसे पर्सनल लोन, क्रेडिट कार्ड बिल) चुकाएँ।
- नई EMI लेने से बचें, जब तक ज़रूरी न हो।
- इमरजेंसी फंड बनाएं (कम से कम 6 महीने के खर्च के बराबर)।
- छोटी-छोटी रकम से भी निवेश शुरू करें।
5. अमीर बनने का असली फॉर्मूला
वॉरेन बफे कहते हैं—
“Amir ban’ne ke liye pehle apna पैसा बचाना सीखो, फिर निवेश करना।”
- इनकम का कम से कम 20% बचत करें।
- म्यूचुअल फंड, स्टॉक्स या SIP जैसी जगहों पर निवेश करें।
- समय रहते निवेश शुरू करने से चक्रवृद्धि ब्याज (compound interest) आपको करोड़पति बना सकता है।
अगर आपकी ज़िंदगी सिर्फ़ EMI चुकाने में ही निकल रही है, तो आज ही अपनी आदतें बदलें। वॉरेन बफे की ये सीख आपको बताती है कि कर्ज़ से दूर रहना और बचत को प्राथमिकता देना ही वित्तीय स्वतंत्रता का पहला कदम है। वरना बाद में सिर्फ़ ‘काश’ कहने का पछतावा ही बचेगा।